पायें दुखों से मुक्ति - संकष्टी चतुर्थी

चंद्रोदय समय – रात 9 बजकर 57 मिनट पर  
चतुर्थी तिथि– 14 मई 2017, 10 बजकर 17 मिनट से 15 मई 2017, 12 बजकर 38 मिनट तक   


हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती हैं । पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं । यदि संकष्टी चतुर्थी मंगलवार को पड़े तो यह अति शुभकारक मानी गयी है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थीकहते हैं। गणेश अंगारकी चतुर्थी का व्रत करने से पूरे साल भर के चतुर्थी व्रत के करने का फल प्राप्त होता है । पश्चिमी और दक्षिणी भारत में इसे विशेष रूप मनाया जाता हैं । इस व्रत के प्रभाव से भक्तों को सारे सुख प्राप्त होते हैं और सभी काम बिना किसे विघ्न के सम्पूर्ण हो जाते हैं । 

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