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अपने हाथों से ही अपना आशियाना मिटा देते है चाहने वाले, कुछ तो मजबूरी होती होगी कि न चाहते हुये भी बिछड़ जाते है चाहने वाले, दिल में लेकर गमों का समुंदर एक दूसरे की याद में जिंदगी बिता देते है चाहने वाले ।
बिछड़े प्यार की सच्चाई अब हम एक - दूसरे से कभी दूर नहीं होंगे दोस्तों, मैं सुरेन्द्र कुमार यादव, इस कहानी के जरिये अपनी भावनाओं को आप लोगों के समक्ष परस्तुत कर रहा हूं, आधी-हकीकत और आधी-काल्पनिक कहानी का अधार नीचे लाल रंग से हाई-लाईट किये गये पैराग्राफ पर है... एक लड़का और एक लड़की एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे, एक दिन मिलाने के दौरान....... लड़की, लड़के से पूछती है - अगर मेरी शादी किसी दूसरे लड़के से हो जाए तो तुम क्या करोगे ? लड़का बोला - मैं तुम्हें भूल जाऊंगा (लड़के ने तंज कसते हुए जवाब दिया) | यह सुनकर - लड़की गुस्से में दूसरी तरफ मुंह फेर(घूम) कर बैठ जाती है | फिर लड़के ने कहा - सच्चाई यह है कि मुझसे जल्दी तुम मुझे भूल जाओगी | लड़की ने पूछा - कैसे ? लड़के ने लड़की से कहा - "सोचो जिस दिन तुम्हारी शादी होगी उस दिन सजा हुआ मंडप(विवाह स्थल), शहनाई, तुम्हारे शरीर पर सजे जेवर, चेहरे पर मेक-अप, चारों तरफ कैमरे का फ्लैश और लोगों की भीड़, तुम्हारे माँ-बाप, भैया-भाभी, बहने, भंजे-भतीजे, दोस्तों और रिश्तेदारों को ये पता रहेगा की तुम सुबह चली जाओगी
काश तुमने भी मेरा साथ निभाया होता, तो आशिकों की महफ़िल से आज यूं उदास ना आया होता | तेरे जाने का गम नहीं है अब मुझे, बस कसक है थोड़ी सी दिल में वरना तेरी याद आते ही आंखों में आंसू ना आया होता |                               __________सुरेंद्र कुमार यादव 

क़ज़ा आती है पल - पल ज़िंदगी मुश्किल से आती है,

क़ज़ा आती है पल - पल ज़िंदगी मुश्किल से आती है,  अगर हंसना भी चाहूं तो हंसी मुश्किल से आती है, उसी का नाम होठों पर उसी को है दुआ दिल से, जिसको मेरी याद भी शायद मुश्किल से आती है......                                                                                      _____सुरेंद्र कुमार यादव                                                                                        Audio  के लिये Click करें 

हिंदुस्तान ख़तरे में हैं

भारत की मस्जिदें तोड़ो , ये राम नहीं कहतें   । हिन्दू से नफ़रत   करो , ये मुसलमान नहीं क हतें   । रोटी का कोई धर्म नहीं होता , पानी की कोई जात नहीं होती । ज हां इंसानियत जिन्दा है , व हां मजहब की बात नहीं होती । किसी को लगता हिन्दू खतरे में है , किसी को लगता मुसलमान खतरे में है। धर्म का चश्मा उतार कर देखो यारो, पता चलेगा हमारा हिंदुस्तान ख़तरे में है !!                                                                                             ___सुरेन्द्र कुमार यादव 

पायें दुखों से मुक्ति - संकष्टी चतुर्थी

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चंद्रोदय समय – रात 9 बजकर 57 मिनट पर   चतुर्थी तिथि– 14 मई 2017, 10 बजकर 17 मिनट से 15 मई 2017, 12 बजकर 38 मिनट तक     हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती हैं । पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं । यदि संकष्टी चतुर्थी मंगलवार को पड़े तो यह अति शुभकारक मानी गयी है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को “ अंगारकी चतुर्थी ” कहते हैं। गणेश अंगारकी चतुर्थी का व्रत करने से पूरे साल भर के चतुर्थी व्रत के करने का फल प्राप्त होता है । पश्चिमी और दक्षिणी भारत में इसे विशेष रूप मनाया जाता हैं । इस व्रत के प्रभाव से भक्तों को सारे सुख प्राप्त होते हैं और सभी काम बिना किसे विघ्न के सम्पूर्ण हो जाते हैं । 

सुरेन्द्र कुमार यादव

आप सभी को मेरा  नमन-वन्दन   सुरेन्द्र कुमार यादव 9268 - 43 - 0042 skyadav100nio@gmail.com  मई  2017  के व्रत एवं त्योहार गुरु वाणी के पाठकों के सुविधा के लिए हम यहां मई 2017 के व्रत और त्योहारों के लिस्ट दे रहे है | इन सारे त्योहारों का विस्तृत जानकारी आपको इसी ब्लॉग में मिलेगा | 01   सोमवार                 स्कन्द षष्ठी ,  रामानुज जयन्ती . 02   मंगलवार              गंगा सप्तमी . 03   बुधवार               मासिक दुर्गाष्टमी ,  बगलामुखी जयन्ती. 04   बृहस्पतिवार    सीता नवमी ,  अग्नि नक्षत्रम् प्रारम्भ. 06   शनिवार            मोहिनी एकादशी. 07   रविवार               परशुराम द्वादशी ,  रबीन्द्रनाथ टैगोर जयन्ती. 08   सोमवार              प्रदोष व्रत. 09   मंगलवार              नरसिंघ जयन्ती ,  छिन्नमस्ता जयन्ती. 10   बुधवार               कूर्म जयन्ती ,  बुद्ध पूर्णिमा. 11   बृहस्पतिवार     नारद जयन्ती. 14   रविवार             संकष्टी चतुर्थी . 18   बृहस्पतिवार    कालाष्टमी. 21   रविवार               हनुमान जयन्ती तेलुगू. 22   सोमवार